नहीं देख सकती तुम्हारी उदासी तुम्हारी परेशानियां नहीं देख सकती तुम्हारी आँखों में आंसू, तुम्हारे माथे पर शिकन नहीं देख सकती मुश्किल है नज़ारा तुम्हारे दुःख के मंज़र...
तू मत डर, बस प्यार कर माना मैं थोड़ी खुले मिजाज़ की हूँ आज़ाद ख़यालों की हूँ, बेबाक जज़्बात हैं मेरे लेकिन ए दोस्त, मैं बेवफा नहीं माना मुझे हसना बोलना...
मैं हूँ जिस तरह चाहती हूँ उस तरह नहीं लेकिन हाँ, मैं हूँ मैं उसकी राहत हूँ, मैं उसकी चाहत हूँ जिस तरह सोचती हूँ उस तरह...
मैं दंग हूँ मैं दंग हूँ लोगों के बचपने पे उनकी बेवकूफियों पे मैं दंग हूँ कोई उम्र में छोटा है तो उसको कुछ भी बोल दो कोई...
थोड़ा सा, जी भर के जी लेता हूँ ऑटो में मेट्रो में बाइक की सवारी पर थोड़ा सा, जी भर के सो लेता हूँ तकलीफों को मुश्किलों को दर्द को सोच के, थोड़ा...
कश्मकश कश्मकश में जी रही क्या ग़लत क्या सही कुछ पता नहीं कुछ अता नहीं कहना कुछ चाहती हूँ करना कुछ और हो कुछ जाता है आता...
सफ़र को ख़ूबसूरत हमसफ़र ही बनाता है… ये सच है... सही इंसान के साथ हाईवे के ढाबे पर बैठ कर एक प्याली चाय और पराठे में भी ख़ासियत नज़र आती है.... उसके...
च्यास… पता ही नहीं चला कि कब तुम मेरी ज़िन्दगी में इतनी महत्वपूर्ण हो गयी... न जाने कौन से साल का वो कौन सा महीना था,...
जो हुआ ठीक ही हुआ… जो हुआ ठीक ही हुआ गर तुम होते तो फिर कुछ कर बैठते जो इस दिल को ठीक नहीं लगता नागवार गुज़रता मुझे जो हुआ...