कि बटुए से झांकती वो शिल्पा की लाल बिंदी की पत्ती,
एक अलग कहानी सुनाती है…
तुम्हारे बदन पे जचती जीन्स और जैकेट से परे,
किसी और पहचान की दास्तान बताती है…
कि तुम्हारी छोटी सी ब्लैक ड्रेस के स्लीव से झांकती
वो लाल कांच की चूड़ी, बहुत कुछ बिना बोले, बोल जाती है…
कि तुम हो यहाँ लेकिन कहीं और हो,
ये क्या ख़ूब समझा जाती है…
जब तुम्हारे ब्लो ड्राई किये खूबसूरत बालों को, हवा का झोंका उड़ा जाता है
वो लाल कुमकुम की हलकी सी झलक,
तुम्हारे अक्स को और सजाती है…
जब तुम विदेश के सुपर मार्केट में
किसी कोने से कच्ची घानी का तेल उठाती हो,
वो तुम्हारे ज़हन में घर के दाल की छौंक की याद ले आती है…
कि दिल खुश करने को यूँ तो तुमने थैंक्सगिविंग और हैलोवीन मना डाले,
लेकिन तुम्हारे मन का उत्सव तो दिवाली और होली से ही मन पाता है…
कि वो छोटी सी गणेश की मूर्ति और गंगाजल का ज़रा सा डिब्बा जो तुमने चेक-इन किया है,
वो तुम्हारी असली सख्शियत को बयां करते हैं-
कि वो बटुए में रखा भारत का पुराना 500 का नोट,
जो तुम्हे हज़ारों डॉलरों से ज़्यादा प्रिय है-
बताता है कि तुम कौन हो…
Behtarin prastuti
Thank you Amit Uncle❤️❤️❤️🙏🏻🙏🏻
अतिसुन्दर पंक्तियाँ
धरातल से जुड़ी हुई
Thank you so much🙏🏻💕😊
Nice one beta.
Touched my soul.
Thank you Maa