न इसके लिए अच्छी ना उसके लिए काफ़ी
न इसके हिसाब से ना उसके मुताबिक़
क्या है तरीका ए मालिक़ बता दो
कि कर सकूँ कुछ अच्छा तुम मुझको दुआ दो
चाहे जितने भी कर लूँ मैं जतन
नहीं होता काफ़ी रह जाता है कम
न इसके लिए अच्छी ना उसके लिए काफ़ी
न इसके हिसाब से ना उसके मुताबिक़
You are perfect..
Life is not